न्यूज़ पोर्टल में न्यूज़ पब्लिश कराने के लिए दिए गये बॉक्स में सबमिट करें। आरक्षण की आग में झुलस रहा है इलाहाबाद इलाहाबाद परीक्षा के हर चरण में आरक्षण लागू करने की उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की नई नीति के खिलाफ भड़की चिंगारी से पूरा इलाहाबाद आंदोलन की चपेट में आ गया है। इविवि के छात्रावास और डेलीगेसी भी इस आंदोनल में शामिल हो गई हैं। एक ही छत के नीचे रहने वाले आरक्षण विरोधी और समर्थक छात्रों के बीच तीखी बहस हो रही है। शहर के अल्लापुर, सोहबतियाबाग, दारागंज, कीडगंज, स्टोरी और बघाड़ा डेलीगेसी में समर्थकों और विरोधियों के बीच मारपीट तक की नौबत आ चुकी है। आयोग की परीक्षाओं के हर चरण में आरक्षण लागू करने के फैसले के खिलाफ अनारक्षित श्रेणी के अभ्यर्थियों ने 10 जुलाई से आंदोलन चला रखा है। आंदोलनकारी इस मुद्दे को लेकर सरकार के प्रतिनिधियों के साथ ही आयोग से भी गुहार लगा चुके हैं। आयोग ने विधिक राय लेनी की बात कह मामले को टरका दिया है, लेकिन इस मुद्दे पर छात्र टकराने लगे हैं। आरक्षण समर्थकों का कहना है कि अभी तक अनारक्षित वर्ग के छात्र 50 फीसदी पदों को अपने लिए आरक्षित मान उस पर चयन पाते रहे हैं। अब नई व्यवस्था से आरक्षण का लाभ हर चरण में छात्रों को मिलेगा। इससे वह सामान्य वर्ग के लिए आरक्षित पदों पर भी दावा कर सकेंगे। इधर आरक्षण लागू करने के फैसले के खिलाफ़ मंगलवार को इलाहाबाद विश्वविद्यालय के छात्रसंघ भवन पर आरक्षण विरोधियों ने मुख्यमंत्री और लोकसेवा आयोग अध्यक्ष का पुतला फूंका। लोक सेवा आयोग की ओर से आरक्षण प्रावधानों में बदलाव के खिलाफ छात्रों का आंदोलन भले ही कम हो गया हो, लेकिन इसे आगे बढ़ाने की रणनीति लगातार जारी है। आरक्षण विरोधी आंदोलन से जुड़े सीनियर छात्रों ने बैठक करके आंदोलन को व्यापक बनाने पर विचार किया है। इस दौरान प्रदेश के विभिन्न जिलों में आंदोलन को गति देने के लिए छात्रावासों से छात्रों को भेजने की बात तय हुई है। आंदोलन की बागडोर संभालने वाले प्रदीप सिंह, सौरभ आदि के नेतृत्व में सोमवार देर रात तक चली बैठक में फैसला किया गया कि प्रदेश के जिलों विशेषकर पूर्वांचल और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में छात्रों को आंदोलन से जोड़ा जाए। लोक सेवा आयोग की ओर से लागू आरक्षण के नए फार्मूले को कोर्ट में चैलेंज करने वाले छात्र 22 जुलाई को अपना पक्ष दमदारी से रखने की भी रणनीति बना रहे हैं। छात्रों ने हाईकोर्ट में इस मामले की अच्छी जानकारी रखने वाले विशेषज्ञ अधिवक्ता की सेवा लेने की तैयारी कर रहे हैं। इस संबंध में छात्रों की ओर से कानूनी विशेषज्ञों से राय लेने की प्रक्रिया शुरु हो गई है। छात्रों ने अन्य राज्यों में आरक्षण देने की क्या परंपरा है इस बारे में भी जानकारी जुटा रहे हैं। अखिलेश सरकार ने बदले 10 जिलों के कप्तान लखनऊ. कानून व्यवस्था पर लगातार चुनौती झेल रही यूपी सरकार ने शनिवार देर रात 10 जिलों के कप्तान सहित कुल डेढ़ दर्जन आईपीएस अफसरों के ट्रांसफ़र कर दिए। इनमें इलाहाबाद के डीआईजी मोहित अग्रवाल को डीआईजी दूरसंचार बनाया गया है। वहीं मथुरा में एसएसपी पद की जिम्मेदारी संभाल रहे आरके एस राठौर को बरेली का डीआईजी बनाया गया है। एमडी कर्णधार जो लखनऊ में एसीओ में डीआईजी थे, उन्हें गोरखपुर का डीआईजी बनाया गया है। इनके अलावा आरपी चतुर्वेदी को एसपी कोऑपरेटिव सेल लखनऊ, गुलाब सिंह को एसपी शामली, शचि घिल्डियाल को एसएसपी मथुरा, प्रदीप कुमार यादव को एसएसपी गोरखपुर, सुभाष चन्द्र दुबे को एसएसपी इलाहाबाद, मृगेंद्र सिंह को एसपी महोबा, पुष्पांजलि को एसपी सतर्कता आगरा, विनय कुमार यादव को डीजीपी मुख्यालय से संबद्ध और ललित कुमार सिंह को एसपी कुशीनगर बनाया गया है। इसके अलावा मोहित गुप्ता को एसपी बहराइच, शलभ माथुर को एसएसपी आगरा, अब्दुल हमीद को पीएसी मेरठ, अमित वर्मा को एसपी चित्रकूट, सैयद वसीम अहमद को पीएसी सीतापुर और दिनेश पाल सिंह को एसपी बाराबंकी पद पर तैनाती दी गई है।